आज़ से शुरू हो रहे है शारदीय नवरात्रि , पढ़े कौन सा समय है पूज़ा के लिए सही, और जा़ने विधि

मां दुर्गा के खास दिन माने ज़ाते है यह नवरात्रे

आज़ से शुरू हो रहे है शारदीय नवरात्रि , पढ़े कौन सा समय है पूज़ा के लिए सही, और जा़ने विधि

आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाते हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। जोकि आज़ वीरवार यानि की सात अक्तूबर से शुरू हो रहे है।
नवरात्रि के 9 दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दौरान विधि- विधान से मां दुर्गा की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। 
 
शारदीय नवरात्रि डेट-
• हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि का पर्व गुरुवार, 7 अक्टूबर 2021 से प्रारंभ होगा। शारदीय नवरात्रि का पर्व 15 अक्टूबर 2021 को समाप्त होगा। 
 
(पहला दिन) - 7 अक्टूबर-  मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है
(दूसरा दिन) -8 अक्टूबर -मां ब्रह्मचारिणी पूजा की जाती है
(तीसरा दिन) -9 अक्टूबर - मां चंद्रघंटा व मां कुष्मांडा की पूजा
(चौथा दिन)-10 अक्टूबर- मां स्कंदमाता की पूजा
(पांचवा दिन)-11 अक्टूबर- मां कात्यायनी की पूजा
(छठां दिन)- 12 अक्टूबर- मां कालरात्रि की पूजा
(सातवां दिन) -13 अक्टूबर-मां महागौरी पूजा
(आठवां दिन) -14 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री की पूजा
(नौंवा दिन) -15 अक्टूबर-दशमी नवरात्रि पारण/दुर्गा विसर्जन
क्या है पूज़ा की विधि
पूजा-विधि
• सुबह उठकर जल्गी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
• घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
• मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
• मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
• धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
• मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट
• लाल चुनरी
• लाल वस्त्र
• मौली
• श्रृंगार का सामान
• दीपक
• घी/ तेल
• धूप
• नारियल
• साफ चावल
• कुमकुम
• फूल
• देवी की प्रतिमा या फोटो
• पान
• सुपारी
• लौंग
• इलायची
• बताशे या मिसरी
• कपूर
• फल-मिठाई
• कलावा
क्या है पूजा का शुभ समय
 
वीरवार  7 अक्टूबर 2021 से हो रही है। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:17 मिनट से 7:07 मिनट तक ही है। इस शुभ मुहूर्त में ही कलश स्थापित कर लेना अच्छा रहेगा। दु्र्गा जी के नौ स्वटरूपों में पहले द‍िल मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है।