नन्ही परी की कातिल पड़ोसन को मौत की सज़ा, 4 साल बाद मिला न्याय

लुधियाना में पड़ोसी ने दिया था वारदात को अंजाम

नन्ही परी की कातिल पड़ोसन को मौत की सज़ा, 4 साल बाद मिला न्याय

लुधियाना में चार वर्ष पहले हुए दिलरोज़ हत्याकांड में आखिरकार चार साल बाद आरोपी महिला को माननीय अदालत ने सज़ा ए मौत का आदेश ज़ारी कर दिया है।

 

गौर हो कि  28 नवंबर 2021 को शिमलापुरी इलाके की रहने वाली नीलम नाम की महिला ने पड़ोस में रहने वाली ढाई साल की मासूम दिलरोज का अपहरण करने के बाद सलेम टाबरी इलाके में ले गई और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।

 

गौरतलब है कि आरोपी महिला ने उस दिन परिवार की छोटी सी दुश्मनी के चलते बच्ची का अपहरण कर लिया और उसे सलेम टाबरी इलाके में एक सुनसान जगह पर ले जाकर रेत में दबा दिया था।

 

गौर हो कि जिला एवं सेशन जज  मुनीश सिंघल की अदालत ने 12 अप्रैल को दोषी ठहराया था व सजा निर्धारित करने के लिए मामला आज के लिए स्थगित किया था। महिला आरोपी पर बच्ची को ज़मीन में जिंदा दफनाने के आरोप थे और दम घुटने से बच्ची की मौत हो गई थी।

बहस के दौरान, पीड़ित के वकील परुपकर घुम्मन व सरकारी वकील बी डी गुप्ता ने कहा था कि मासूम की हत्या पर कम से फांसी की सजा दी जानी चाहिए। पीड़ित आरोपी का परिचित था, क्योंकि वह उसका पड़ोसी था। जिंदा दफनाए जाने के कारण बच्चे को हुई पीड़ा असामान्य है। दरअसल, आरोपी को पता था कि जिंदा दफनाए जाने पर मृतक की दम घुटने से मौत हो जाएगी और रेत/मिट्टी नाक, सांस की नली, फेफड़ों और फिर खून में और मुंह, आंख और कान में भी जा सकती है, जो इस मामले में हुआ। ऐसे मामलों में मौत बहुत दर्दनाक होती है क्योंकि मृतक सांस नहीं ले पाता। दरअसल, जिंदा दफनाए जाने की घटना भयानक मौत की सूची में काफी ऊपर है। जब अदालत ने उसे महिला को दोषी ठहराया, तब अभियोजन पक्ष ने उसे मौत की सजा की मांग उठाई।जबकि, दोषी के वकील ने नरमी की मांग की।

 

 

पीड़ित बच्ची के दादा शमिंदर सिंह के बयान के बाद 28 नवंबर, 2021 को शिमलापुरी थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता के मुताबिक़ महिला आरोपन नीलम का चाल-चलन ठीक न होने के कारण उसका पुत्र अपनी पत्नी को उससे मिलने से रोकता था,जिस कारण नीलम उसके पुत्र से रंजिश रखने लगी व बदला लेने की नीयत से उसने उसकी पोती जो गली में खेल रही थी को बहला-फुसला कर अपने ऐक्टिवा पर बिठा लिया व उसे हुसैनपुरा के निकट एल्डिको एस्टेट के पास सड़क के किनारे एक सुनसान जगह पर ज़मीन खोदकर जिंदा दफ़ना दिया,जिससे दम घुटने से मासूम बच्ची की मृत्यु हो गई।बाद में महिला को भी मोके पर पकड़ लिया गया।  अदालत में अभियोजन पक्ष ने क़रीब 26 गवाह पेश किए व मामला सफलतापूर्वक साबित किया।