लतीफपुरा में दलितों के मकान गिराना सरकारी अत्याचार: विजय सांपला

10 जनवरी को इस मुद्दे पर मुख्य सचिव व जिला अधिकारियों को दिल्ली किया समन

लतीफपुरा में दलितों के मकान गिराना सरकारी अत्याचार: विजय सांपला

 

जालंधर / हनेश मेहता

 

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला बुधवार को जालंधर के लतीफपुरा में आप सरकार के राज्य में बेघर हुए लोगों से मिलने के लिए पहुंचे जिस उपरांत उन्होंले एक पत्रकार वार्ता को संबोधन करते हुए यहां कहा कि लतीफपुरा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के लोगों के मकान गिराने के अभियान को सही ठहराने का कोई दस्तावेज दिखाने में जालंधर प्रशासन नाकाम रहा है।

 

सांपला लतीफपुरा के मकान गिराए जाने से बेघर हुए दलित वर्ग के इन लोगों से मिलने और उनकी तकलीफों की जानकारी लेने के बाद जालंधर के अधिकारियों की बैठक बुलाकर उनका पक्ष ले रहे थे। इस अभियान में जमीनदोज कर दिए गए मकानों में रह रहे लोग अब कड़ी ठंड में मलबे पर गुजारा करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई राज्य सरकार और जिला प्रशासन का इन लोगों पर सरासर अत्याचार है।

 

सांपला ने इस संबंध में बात करने के लिए पंजाब के मुख्य सचिव, स्थानीय निकाय सचिव, जालंधर के डीसी, पुलिस कमिश्रर, नगर निगम आयुक्त और इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के कार्यकारी अधिकारी की 10 जनवरी 2023 को आयोग के दिल्ली स्थित कार्यालय में बैठक बुलाई है।

 

उन्होंने कहा कि दलित वर्ग के यह लोग 70 वर्षों से लतीफपुरा में रह रहे हैं, इन लोगों ने सबूत के तौर पर उन्हें पानी व बिजली के बिल, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस भी दिखाए, जिन पर उनके गिरा दिए गए मकानों का पता लिखा है।

 

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि मकान गिराने के अभियान के संबंध में उन्होंने आज बैठक में जिला प्रशासन से दस्तावेज भी मांगे, लेकिन डीसी, नगर निगम आयुक्त व इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारी इसमें असफल रहे।

 

उन्होंने कहा कि सर्कट हाउस में उनके द्वारा बुलाई गई इस बैठक में जब बेघर कर दिए गए इन लोगों की सूची मांगी गई, तो उपायुक्त और कार्यकारी अधिकारी टालमटोल करते हुए एक दूसरे का मुंह देखने लगे, इससे उन्हें बहुत पीड़ा हुई।

 

सांपला ने प्रशासकीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रभावित लोगों के लिए मोबाइल टायलेट तत्काल उपलब्ध करवाएं जाएं और संबंधित स्थान पर स्वास्थ्य टीम की 24 घंटे उपलब्धता यकीनी बनाई जाए।