क्या कनाडा और भारत के रिश्तों में आएगी खटास, कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारत के लिए कही यह बात

भारत ने भी ऊठाया यह कदम दिया पांच दिन का समय

क्या कनाडा और भारत के रिश्तों में आएगी खटास, कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारत के लिए कही यह बात

चंडीगढ़ : सुबह से ही चल रही भारत और कनाडा के बीच खींचोतान में लोगों के चेहरे पर भी शंका की लकीरें खींचनी शुरू हो गई है और लोगों में तरह तरह के सवाल ऊठने भी शुरू हो गए है कि कहीं भारत और कनाडा के बीच के रिश्तों में खटास तो नहीं आ जाएगी।

 

गौर हो कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ओटावा के हाउस ऑफ कॉमंस में भारत सरकार और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच कनेक्शन की बात कही है। जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाए कि भारत सरकार के एजेंट्स ने जून में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में सिख समुदाय के नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की थी।

 

ऐसे ब्यानों से लग रहा है कि कहीं जस्टिन ट्रूडो हरदीप निज्जर के समर्थन में दिख रहे हैं, जोकि भारत के 40 टॉप आतंकियों की सूची में शामिल रहा है। वह कुख्यात आतंकी संगठन खालिस्तानी टाइगर फोर्स (KTF) का सरगना था। इस KTF के सदस्यों ने ही साल 1995 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या की थी।

 

भारत ने भी ऊठाया कड़ा कदम

 

कनाडा की ओर से खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोपों पर भारत ने नाराजगी जाहिर की है। विदेश मंत्रालय ने कनाडा की ओर से राजनयिक को निकाले जाने के फैसले का विरोध करते हुए आज कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया। साथ ही उन्हें कनाडा के एक वरिष्ठ उच्चायुक्त को निष्कासित किए जाने की जानकारी दी। इस राजनयिक को पांच दिन के अंदर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है। 

 

आखिरकार कौन यह खालिस्तानी सर्मथक निज्जर

 

हरदीप सिंह निज्जर जोकि पंजाब के जालंधर जिले के हलका फिल्लौर में आने वाले गांव भारसिंहपुरा का रहने वाला था। शुरू से गर्मख्याली सोच रखने वाला निज्जर 1992 में कनाडा चला गया। उसके बाद वह कभी वापस गांव नहीं आया। तीन साल पहले उसका पूरा परिवार भी कनाडा में सैटल हो गया।

 

 

कनाडा में रहते हुए निज्जर प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के करीब आया। पन्नू और निज्जर की निकटता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि निज्जर की हत्या के बाद से ही पन्नू तिलमिलाया हुआ है और कनाडा में भारत के खिलाफ और खालिस्तान के समर्थन में जनमत संग्रह करवाने का दावा कर रहा है।

 

 

लेकिन इस सारे घटनाक्रम के बीच लोगों में खास तौर पर पंजाबियों के दिलों में इस खौफ ने जगह बना ली है कि कहीं भारत के कनाडा के साथ संबंध खराब तो नहीं हो जाएंगे, कारण कि कनाडा में अगर 2021 की एक स्टडी को देखा जाए तो  कनाडा में पंजाबियों की गिनती 2.6% है। यानी कि वहां 9.50 लाख पंजाबी बसे हैं। जिसके चलते अब उन परिवारों को ज्यादा चिंता सताने लगी है जिनके बच्चे कनाडा गए हुए है।