आखिरकार किस कि शह पर चल रहा है यह Goraya Carnival Mela

बीते दिनी विवादों में आया था यह कार्निवल मेला

आखिरकार किस कि शह पर चल रहा है यह Goraya Carnival Mela

जालंधर : वैसे तो पंजाब में कई मनोंरजक मेले लगते है, जहां पर जा़कर बच्चे तो क्या बड़े लोग भी आकर अपना मनोरंजन करते है। लेकिन ऐसे ही जिस कार्निवल मेले की हम बात कर रहे है वो है जालंधर जिले के अधीन आने वाले Goraya शहर के Carnival Mela का।

 

कारण कि यह Goraya Carnival Mela शुरू होने से पहले ही विवादों में घिरा हुआ था। कारण कि उक्त मेला जब शुरू होना था तो ईलाके के एक आम आदमी पार्टी के नेता द्वारा DC Jalandhar को इस बारें एक शिकायत दे दी गई थी, जिसके बाद Goraya Carnival Mela काफी चर्चा में आ गया था, कारण कि कुछ आम आदमी पार्टी के नेता शहर में हो रहे इस कार्निवल मेले की Support में भी थे।

 

लेकिन DC Jalandhar को हुई शिकायत के बाद मार्किट कमेटी गोराया की ओर से इस कार्निवल मेले की जो परमिशन थी वो दी ही नहीं गई थी इतना हीं नही इस संबंधी एक लिखित नोटिस ज़ारी कर दिया था कि इस ज़मीन को खाली कर दिया जाए इतना ही नहीं उस नोटिस में थाना गोराया के प्रभारी को भी कहा गया था कि वहां से कार्निवल मेले को खाली करवाया जाए।

 

अब यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर नोटिस ज़ारी होने के बाद भी कैसे Goraya Carnival Mela दाना मंडी में ही रोज़ाना चल रहा है इतना ही नहीं मेले में कई ऐसे झूले भी लगे हुए है जोकि किसी समय खतरनाक भी साबित हो सकते है, साथ ही साथ ज़ान जोखिम वाले भी कुछ स्टंट सूत्रों की मानें तो वहां पर किए जा रहे है जोकि किसी भी समय वहां भगदड़ वाला माहौल बना सकते है और गोराया वासियों की ज़ान जोखिम में डाल सकते है।

 

मेला प्रबंधक नहीं दे पाए कोई सही जवाब

 

इस बारे में जब मेला प्रबंधक के राज़ कुमार से संर्पक किया गया तो उनका कहना है कि उन्होंने बाद में दोबारा से पैसे ज़मा करवा परमिशन ली थी जोकि उनके पास है लेकिन जब उनसे वो नई परमिशन मांगी गई तो वो हमारी टीम को दिखा नहीं पाए। लेकिन अगर प्रबंधकों के पास कोई परमिशन है तो वो खबर प्रकाशित होने के बाद भी दिखा सकते है हम वो भी प्रकाशित करेंगे।

 

आखिर किस कि शह पर अधिकारियों के आदेशों का नहीं हो रहा पालन

 

कार्निवल मेला शुरू हुए करीब पांच दिन हो चुके है जिसके बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है कि आखिरकार किस कि शह होगी मेला प्रबंधक से इतने बड़े बड़े झूले लगा कर लोगों की जान को भी जोखिम में डाला जा रहा है और कानून के नियमों की धज्जियां ऊड़ाई ज़ा रही है।

 

कहीं कोई सैटिंग का खेल तो नहीं मेले की आड़ में

 

वहीं दूसरी ओर शहर में यह चर्चा चल रही है कि आखिरकार पहले मेले के संबंध में शिकायत की ज़ा रही है और बाद में खुद ही मेले को बिना परमिशन के चलवाया जा रहा है जिस से शहर में यह चर्चा चली हुई है कि कहीं यह सारा कोई Setting का खेल तो नहीं था।

 

पुलिस पर भी खड़े हो रहे सवाल

 

इस मेले को लेकर गोराया की पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे है कि जब मार्किट कमेटी की ओर से जगह खाली करवाने के लिए कहा गया तो जगह को खाली क्यों नहीं करवाया ज़ा रहा है और देर रात करीब 10 : 30 तक यह मेला चलता है और पुलिस वाले वहां सुरक्षा के लिए खड़े हो ज़ाते है।

 

खुदा ना करे कुछ हो जाए तो कौन होगा जिम्मेवार

 

वैसे तो चंडीगढ़ खबरनामा चाहता है कि कोई अनहोनी ना हो लेकिन भगवान ना करे अगर वहां पर कोई अनहोनी हो ज़ाती है तो उसका जिम्मेवार आखिर कौन होगा क्योंकि प्रशासन की तो कोई परमिशन ही नही है फिर ऐसे में अनहोनी की जिम्मेवारी कौन लेगा।