कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री बदलने को बसपा ने बताया अपनी जीत

बसपा प्रधान ने कहा कि बसपा के बढ़ते आधार से घबराई कांग्रेस

कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री बदलने को बसपा ने बताया अपनी जीत

कांग्रेस पार्टी द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री को बदलना बहुजन समाज पार्टी की जीत है और यह बसपा की मजबूती की ही निशानी है कि कांग्रेस पार्टी का सारा जोर अब इस बात पर लगा हुआ है कि बसपा को पंजाब में रोका कैसे जाए लेकिन बसपा कांग्रेस के रोकने पर नहीं रूकने वाली क्योंकि बसपा के कार्यकर्ता अब पंजाब में कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाने की पूरी तैयारियां कर चुके हैं और अब यदि इंतज़ार है तो सिर्फ और सिर्फ चुनावों की घोषणा का।

यह विचार बहुजन समाज पार्टी पंजाब के प्रधान जसवीर सिंह गढ़ी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रस्तुत किए। वे पंजाब के ताजा सियासी हालातों के संदर्भ में पत्रकारों से साथ मुखातिब थे जहां उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि साल 2002 से 2007 तक पंजाब में कांग्रेस की ही सरकार थी और उसके मुख्यमंत्री भी कैप्टन अमरेंद्र सिंह ही थे और उस वक्त भी कैप्टन के खिलाफ इससे बड़ी बगावत हुई थी लेकिन उस बगावत के दौरान कांग्रेस हाईकमान कैप्टन की पीठ पर डटकर खड़ी थी जबकि इस बार ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो पाया क्योंकि कांग्रेस की पंजाब इकाई और हाईकमान को इस बात का स्पष्ट तौर पर पता चल चुका है कि बसपा ने पंजाब में कांग्रेस की जड़ों को इस कदर हिलाकर रख दिया है कि अब संभाले नहीं संभला जाएगा और इन हिली हुई जड़ों का ही असर है कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी से धड़ाम से नीचे आ गिरा है।

स. गढ़ी ने कहा कि वे इस बात के लिए कांग्रेस को चुनौती देते हैं कि जिसे मर्जी दूसरा मुख्यमंत्री बिठा दें या फिर दूसरे के साथ जातिगत राजनीति के चलते और भी एक दो को बिठा सकते हैं, लेकिन बसपा 2022 में कांग्रेस को सबक सिखाएगी और अब कांग्रेस चाहे जितने भी मुख्यमंत्री बदल ले कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। हकीकत यही है कि कांग्रेस ने पंजाब की जनता के साथ जो वादे किए थे उन्हें पूरा नहीं किया गया और कांग्रेस के बुरी तरह से फेल होने का यही कारण है।