रंधावा पर राज़ी थी हाईकमान, लेकिन सिद्ध नहीं थे रंधावा पर राज़ी

सिद्ध् की प्रधानगी में रहा है रंधावा का अहम रोल, पर फिर भी ना पसंद हुए रंधावा

रंधावा पर राज़ी थी हाईकमान, लेकिन सिद्ध नहीं थे रंधावा पर राज़ी

चंडीगढ़ : शनिवार बाद दोपहर से चला आ रहा कांग्रेस का घमासान आखिरकार रविवार की देर शाम को समाप्त हो गया और पार्टी हाईकमान ने चरनजीत सिंह चन्नी को पंजाब का अगला मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। इसके साथ ही सुखजिंदर रंधावा और ब्रह्म मोहिंद्रा को कांग्रेस द्वारा डिप्टी सीएम बनाया ज़ा रहा है जोकि सोमवार को अधिकारित तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे।

 

शनिवार से लेकर रविवार तक चले इस घमासान में बात की जाए तो सबसे पहला नाम सुनील जाखड़ का नाम सामने आया था जिसके बाद देर रात को अंबिका सोनी का नाम सामने आ गया लेकिन रविवार की सुबह अंबिका सोनी ने इंकार कर दिया, जिसके बाद सुक्खजिंदर रंधावा यानि कि सुक्खी रंधावा का नाम सामने आया लेकिन रविवार की शाम को ऐन मौके पर कांग्रेस हाईकमान ने दलित कार्ड खेलते हुए चरनजीत चन्नी का नाम पंजाब में मुख्यमंत्री के तौर पर घोषित कर दिया।

 

लेकिन कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो पार्टी हाईकमान पूरी तरह से रंधावा के नाम पर फाईनल हो गई थी, लेकिन मौके पर ही नवज़ोत सिंह सिद्ध ने रंधावा के नाम पर ऐतराज़गी जता दी, हालांकि नवजोत सिंह सिद्ध् की प्रधानगी दौरान रंधावा का अहम रोल रहा है।

 

सुखजिंदर नहीं सुनते सिद्धू की इसलिए चन्नी


चरणजीत भी सुखजिंदर सिंह रंधावा की तरह कैप्टन के खिलाफ खुलकर बगावत करने वालों में शामिल थे, लेकिन रंधावा की जगह उन्हें तरजीह सिद्धू की वजह से ही मिली। सूत्रों का कहना है कि सिद्धू ऐसा CM चाहते हैं जो उनकी बात सुने। उधर, सुखजिंदर रंधावा का स्वभाव उस तरह का नहीं है कि वे किसी के कहे पर नाक की सीध में चलें।