सीटी ग्रुप के अंदर AK47 पहुंचने में किसकी हुई लापरवाही

सीटी ग्रुप के अंदर AK47 पहुंचने में किसकी हुई लापरवाही

अमन गुप्ता जालंधर बुधवार की सुबह दो बजें जालंधर में जम्मू कश्मीर की पुलिस की एंट्री के बाद जालंधर के चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। कारण कि जालंधर पुलिस को जम्मू कश्मीर की पुलिस ने बताया कि जालंधर के मशहूर शिक्षण संस्थान सीटी ग्रुप के होस्टल में तीन खुंखार आतंकी छिपे बैठे है। जिस से एक बार तो पूरा पुलिस बल हिल गया क्योंकि जिनकी जानकारी 400 किलोमीटर दूर बैठी पुलिस को थी उसकी जानकारी जालंधर पुलिस को बिल्कुल भी नही थी जिसका सबसे बड़ा कारण रहा कि उक्त आतंकी सीटी ग्रुप में एक छात्र के रूप में दाखिला लेकर रह रहे थे।   जम्मू कश्मीर की पुलिस के कहने पर हरकत मे आई जालंधर पुलिस ने सीटी इंस्चियूट के शाहपुर रोड पर स्थित शिक्षण संस्थान के होस्टल के कमरा नंबर 94 से उक्त तीन आतंकियो जिनकी पहचान पुलिस ने पत्रकार वार्ता के दौरान बीटेक (सिविल) दूसरे समैस्टर के छात्र जाहिद गुलजार, पुत्र गुलजार अहमद रादर, निवासी राजपोरा, पुलिस स्टेशन अवंतीपोरा, श्रीनगर , मोहम्मद इदरिश शाह उर्फ नदीम, निवासी पुलवामा, (जम्मू कश्मीर) तथा यूसुफ रफीक भट्ट, नूरपुरा, पुलवामा (जम्मू कश्मीर) को काबू किया। जिनसे AK47 सहित विस्फोटक सामग्री तक पुलिस ने बरामद की। लेकिन ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह बनता है कि आखिर सीटी ग्रुप के होस्टल के अंदर AK47 जैसी गन पहुंची कैसे। जिस से यह साफ होता है कि जालंधर पहुंच कर अगर AK47 होस्टल तक पहुंच गई तो पुलिस के साथ साथ शिक्षण संस्थान की बड़ी लापरवाही है। क्योंकि फिलहाल तो उक्त आतंकियों का मकसद त्यौहारों के दौरान दहशत फैलाना और सूत्रों की माने तो बरगाड़ी कांड में भी आग में घी का काम कर पंजाब में अशांति फैलाना था हालांकि इस बारें में पुलिस द्वारा अधिकारित पुष्टि सुरक्षा के लहजे से नही की जा रही। लेकिन अगर कहीं यह विस्फोट होस्टल के अंदर ही हो जाता तो उसका जिम्मेवार कौन था, आखिर जो मासूम बच्चे इस शिक्षण संस्थान में पड़ते है उनकी जान को क्यों दाव पर लगाया गया। यह सारी बातें अपने आप में एक सवाल पैदा कर रही है। वहीं पुलिस ने भी जो मामला दर्ज किया उस में शिक्षण संस्थान की लापरवाही के बारे में चुप्पी ही साधी हुई है। अब देखना है कि पुलिस शिक्षण संस्थान की लापरवाही पर कोई कारवाई करती है या फिर हर बार की तरह इस बार भी फाईल मात्र यहीं बंद कर दी जाएगी। पकड़े गए तीन कश्मीरी युवकों को पुलिस ने अदालत में पेश किया। पुलिस के 15 दिन के रिमांड मांगने पर उन्हें अदालत ने 10 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है, सुने क्या कहते है इस बारे में पुलिस कमश्निर जालंधर गुरप्रीत सिंह भुल्लर   वहीं दूसरी ओर देर शाम को शिक्षण संस्थान के प्रबंधकों ने ऐसा प्रैस ब्यान जारी कर दिया कि उसे सुन आप सब हैरान होंगे। उनका कहना है कि छात्रों की प्राईवेसी के कारण जांच नही की जाती। अगर प्राईवेसी के कारण जांच नही होती तो मतलब कुछ भी बड़ी आसानी से होस्टल में ले जाया जा सकता है।