पंजाब की नई कैबनिट भी आई विवादों में , छह विधायकों और एक दिग्गज़ कांग्रेसी ने खोला मोर्चा

कांग्रेस पंजाब प्रधान को लिखी चिट्ठी, पढ़े चिट्ठी की कापी

पंजाब की नई कैबनिट भी आई विवादों में , छह विधायकों और एक दिग्गज़ कांग्रेसी ने खोला मोर्चा

चंडीगढ़ : शनिवार को कांग्रेस हाईकमांड के आदेश के बाद पंजाब के नए बने मुख्यमंत्री चरनजीत चन्नी ने अपनी नई कैबनिट मंत्री मंडल का ऐलान कर दिया। जिस मंत्री मंडल द्वारा आज़ शाम को मंत्री मंडल की शपथ ग्रहण की जाएगी।

 

लेकिन शपथ ग्रहण से पहले ही पंजाब का नया मंत्री मंडल विवादों में घिर गया है कारण कि पंजाब के छह एम एल ए सहित एक पूर्व पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष ने कपूरथला से विधायक राणा गुरजीत को मंत्री मंडल में शामिल किए जाने पर ऐतराज़ जता दिया है।

 

आपको बतां दें कि सोशल मीडिया पर एक लैटर वायरल हो रहा है जिसमें कांग्रेस के पूर्व पंजाब अध्यक्ष महिंदर सिंह केपी, जालंधर नार्थ से विधायक बावा हैनरी, सुलतानपुर लोधी से विधायक नवतेज़ चीमा, फगवाड़ा से विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल, चब्बेवाल़ से विधायक डा राज़ कुमार चब्बेवाल, भुलत्थ से विधायक सुखपाल सिंह खैहरा व शाम चौरासी से विधायक पवन अधिया की ओर से ज़ारी हुआ है जिसमें राणा गुरजीत सिंह को मंत्रीमंडल में शामिल किए जाने का ऐतराज़ जताया है।

 

क्या लिखा है पत्र में

पीपीसीसी प्रधान नवजोत सिद्धू को लिखे पत्र में कहा गया है कि राणा गुरजीत सिंह को जनवरी 2018 में मंत्रीमंडल से बाहर कर दिया गया था। राणा गुरजीत पर माईनिंग स्कैंडल में संलिप्तता के गंभीर आरोप रहे हैं। पत्र में यहां तक कहा गाय है कि फिलहाल राणा गुरजीत को किसी भी जांच एजैंसी द्वारा क्लीन चिट नहीं दी गई है। माईनिंग के कांट्रैक्ट लेने के लिए अपने ही जानकारों के नाम पर ठेके भरे गए। खुलासा होने पर सरकार के जमा करवाए गए लगभग 25 करोड़ रूपए भी ज़ब्त किए गए। पत्र में स्पष्ट है कि राणा गुरजीत पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। तो उन्हें मंत्रीमंडल में क्यों लिया जा रहा है।