अमृतपाल की बैरक से मिले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, कैसे पहुंचा ज़ेल में यह सामान

डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल प्रशासन ने की चेकिंग; स्मार्ट और कीपैड फोन भी जब्त

अमृतपाल की बैरक से मिले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, कैसे पहुंचा ज़ेल में यह सामान

पंजाब सरकार की तरफ से बीते साल नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत पकड़े गए वारिस पंजाब दे मुखी अमृतपाल सिंह व सहयोगियों की बैरक से डिब्रगढ़ सेंट्रल जेल प्रशासन को स्मार्ट गैजेट्स मिले हैं। डीजीपी असम जेपी सिंह ने खुद इसकी जानकारी को सांझा किया। उनके अनुसार पुलिस को NSA सेल में आपराधिक गतिविधियों की जानकारी मिली थी।

 

जांच दौरान बैरक से स्पाई कैमरा व जियो की डोंगल सहित अन्य सामान भी बरामद हुआ है, जिसका आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी प्राइवेसी की फोटो व वीडियो ट्रांसपोर्ट हो रही है। उनकी नहाने तक की वीडियो फोटो ली जा रही है ताकि अगले महीने 18 तारीख को एनएसए खत्म होने पर अमृतपाल सिंह को ब्लैकमेल किया जा सके। आपको बता दें गिरफ्तार करने के लिए 18 मार्च को पूरे पंजाब में एक मेगा ऑपरेशन शुरू किया गया था। हालांकि अमृतपाल सिंह को कथित तौर पर 23 अप्रैल को मोगा के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया था, अमृतपाल के कई सहयोगियों को ऑपरेशन शुरू होने के एक महीने बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था और उसी दिन उन्हें डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था।

 

 

डिब्रूगढ़ जेल पूर्वोत्तर की सबसे पुरानी जेलों में से एक है। इसका निर्माण 1860 में हुआ था। इस जेल में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) जैसे अलगाववादी संगठनों के कई नेता कैद हैं। जब उल्फा संगठन का आंदोलन अपने चरम पर पहुंच गया तो इससे जुड़े कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया और डिब्रूगढ़ की केंद्रीय जेल में रखा गया। डिब्रूगढ़ जेल को राज्य की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक माना जाता है। अमृतपाल सहति उसके 9 करीबी यहां कैद हैं। शहर के मध्य में बनी यह जेल 76,203.19 वर्ग मीटर में फैली हुई है। इसकी दीवारें 30 फीट से भी ज्यादा ऊंची हैं।