आज़ होगा पंजाब की राज़निति में बड़ा धमाका, कैप्टन करेंगे प्रैस कांफ्रैस

कहीं चन्नी सरकार गिराने का बी प्लान तो नहीं कैप्टन की प्रैस कांफ्रैस

आज़ होगा पंजाब की राज़निति में बड़ा धमाका, कैप्टन करेंगे प्रैस कांफ्रैस

चंडीगढ़ / हनेश मेहता

 

27 अक्तूबर यानि कि आज़ बुधवार के दिन पंजाब की आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रैस कांफ्रैस कर पंजाब में बड़ा धमाका करने ज़ा रहे है। राज़निति माहिरों के क्यास है कि कैप्टन इस प्रैस कांफ्रैस के दौरान पंजाब में अपनी नई पार्टी के नाम का ऐलान करने वाले है, कारण कि बीते दिनी मुख्यमंत्री पद़ से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था और उसके काफी समय बाद कैप्टन ने नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया था।

 

हालांकि जब कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया था तो क्यास था कि कैप्टन भाज़पा में जाएंगे क्योंकि भाज़पा से अंदर ही अंदर सांठ गांठ की चर्चाएं काफी ज़ोर शोर पर थी, लेकिन कैप्टन ने साफ तौर पर कहा है कि ज़ब तक केंद्र सरकार किसानी खेती बिल रदृ नहीं करती तब तक भाज़पा से कोई समझौता नहीं। जिसके बाद क्यासों का सिलसिला फिर से तेज़ हुआ कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भाज़पा के साथ अंदर खाते से पूरे संर्पक में है और अपनी नई पार्टी बनाने के बाद ही वो भाज़पा से मिल कर कानून रदृ करवाएंगे और पंजाब में भाज़पा से हाथ मिला कर विधानसभा चुनाव 2022 लड़ेंगे।  यह क्यास कैप्टन के प्रैस कांफ्रैस का ऐलान करने के बाद और ज़ोर पकड़ चुके है।

 

लेकिन अगर इस पैंतरे को सियासत के दूसरे पहलू से देखा जाए तो यह पंजाब में कुछ महीने के लिए बनी पंजाब की चन्नी सरकार को गिराने का कैप्टन का बी प्लान भी हो सकता है। कारण कि अगर कैप्टन ने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है तो जाहिर है कि कैप्टन अकेले तो पार्टी बनाएंगे नहीं उनके साथ कई दिग्गज़ नेतागण भी उस नई पार्टी में शामिले होंगे।

 

पंजाब के कांग्रेस के 76 विधायकों में से 16 से 17 विधायकों के बारे में तो पहले भी कहा ज़ा चुका है कि वो कैप्टन के संर्पक में है और आने वाले समय में कैप्टन के साथ ज़ा सकते है। जिसके चलते अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अंदर ही अंदर थोड़ी बहुत मेहनत और की हो तो शायद दो से चार विधायक वो और भी अपनी और खींच सकते है कारण कि अंदर ही अंदर कुछ कांग्रेसी विधायक कैबनिट के बंटवारे के दौरान नाखुश से नज़र भी आ रहे है।

 

ऐसे में अगर कैप्टन 21 से 22 विधायकों को अपने साथ नई पार्टी में ले ज़ाते है तो जाहिर है कुछ महीनों के लिए बनी चन्नी सरकार गिर सकती है और पंजाब राष्ट्रपति राज़ की ओर बड़ सकता है जिसकी अफवाहें तो किसानी आंदोलन की शुरूआत के कुछ दिन बाद से ही ऊड़नी शुरू हो चुकी थी। क्योंकि कुछ समय के लिए तो शायद कोई भी पार्टी नहीं चाहेगी कि पंजाब में चुनाव दोबारा से हों।

 

तों कहीं किसानी आंदोलन के मुद़़ृदे की ओर सब का ध्यान केंद्रीत कर पंजाब में चन्नी सरकार गिराने का यह कैप्टन का बी प्लान तो नहीं आज़ की प्रैस वार्ता !