यह इश्क नहीं आसां, इक्क आग का दरिया है बस इतना समझ लीजिए साहिब डूब के जाना है………….

यह इश्क नहीं आसां, इक्क आग का दरिया है बस इतना समझ लीजिए साहिब डूब के जाना है………….

कुछ लोगो के जहन में यह बात हमेशा रहती है कि पत्रकार का काम आसान है उन्हें हर जगह पर सलाम होती है लेकिन वो लोग शायद यह बात भूल जाते है कि पत्रकारों की दुनिया में भी बहुत सी मुशकिलें आती है, कई बार तो ऐसा आलम भी बन जाता है कि उनकी जान पर भी बन जाती है ऐसा ही आलम हुआ जम्मू कश्मीर में, जी हां जम्मू कश्मीर में जब वीरवार को सेना और आतंकियों की मुठभेड़ हुई तो कुछ चैनलों के पत्रकार भी उस आप्रेशन की चपेट में आ गए, इतना ही नही आलम यह हो गया कि जब मौके पर गोलियों की बौछार होने लगी तो पत्रकारों को भी सेना के जवानों की तरह ज़मीन पर लेटना पड़ा लेकिन बावजूद इसके पत्रकारिता का जज़बा पाले इन पत्रकारों के कैमरामैनों ने कैमरा चलाना बंद नही किया और उक्त आप्रेशन की वीडीयो बनाते रहे, नीचे आप भी देखें पूरी वीडीयो और जाने कि पत्रकारिता कितनी मुश्किल है https://youtu.be/vg-gkTNqzWE