विजय सांपला और सोम प्रकाश में नही कम हो पाई दूरियां

विजय सांपला और सोम प्रकाश में नही कम हो पाई दूरियां

हनेश मेहता -----------------------------------   एक पंजाबी गायक ने अपनी प्रेमिका के लिए गाना गाया था जिसमें उसने कहा था कि दूरियां वद्द गईयां और प्रेमिका कहता है फैसले भी तेरे ही थे। इस पंजाबी गीत को हम आज़ किसी प्रेमी प्रेमिका के लिए नहीं बल्कि भाजपा के दो दिग्गज़ नेताओं के लिए लिख रहे है जिनकी गुटबाज़ी की गूंज दिल्ली तलक गूंजती है। वो नेता है एक लोक सभा हलका होशियारपुर से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री विजस सांपला और दूसरे फगवाड़ा से विधायक सोम प्रकाश कैंथ। इन दोनों दिग्गज़ नेताओं की गुटबाज़ी इस कदर है कि दोनों नेताओं के गुटों के सदस्य एक दूसरे को विरोध तो खुल कर करते है। इतना ही नही सांपला गुट के गिने जाने वाले लोगों ने तो सरेआम विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का साथ भी दिया था और सोम प्रकाश के खिलाफ प्रचार भी किया था। सूत्रों के अनुसार तो विधानसभा चुनाव दौरान जब टिकट आवंटन की बात हुई थी तो सूत्रों का कहना है कि सांपला ने सरेआम सोम प्रकाश को टिकट ना देने की बात कही थी, जिस से दूरियां और बढ़ गई थी, लेकिन इंसान है और दूसरे इंसान की जरूरत कब पड़ जाए यह पता नही होता, चूंकि अब लोक सभा चुनाव नज़दीक आ गए है और सांपला इस बार भी होशियारपु से चुनाव लड़ने के दावेदार है तो अब वो सोम प्रकाश को मनाने का प्रयास कर रहे है। हालांकि कुछ दिन पहले इसके चलते ही सोम प्रकाश के करीबीयों से मुलाकात भी की थी। इस के चलते ही आज भी इन दोनों दिग्गज नेताओं की सुलह करवाने के लिए फगवाड़ा के एक होटल में बैठक की गई जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रो राजिंदर भंडारी भी इनकी दूरियां मिटाने के लिए आए थे, लेकिन वो दूरियां मिटा नही पाए। सूत्रों की माने तो इस बैठक के दौरान सोम प्रकाश ने विजय सांपला को बुलाया भी नही। ऐसे में अगर यह दूरियां इस प्रकार ही बनी रही तो आने वाले लोक सभा चुनाव में सांपला के लिए नुकसानदायक भी हो सकती है क्योंकि पिछली बार भी सांपला की किस्मत ने ही साथ दिया नही तो फगवाड़ा से तो वो भारी संख्या में पीछे ही रहे है। अब देखना यह होगा कि लोक सभा चुनाव से पहले खुद सांपला या फिर पार्टी हाईकमान इन दूरियों को मिटाने में कामयाब हो पाते है या फिर दूरियां इस तरीके से ही कायम रहती है।