मां चिंतपुर्णी के भक्तों के लिए आया बुलावा, 9 अगस्त से शुरू होगा सावन माह का मेला

प्रशासन ने मेले में आने वाले भक्तों के लिए ज़ारी की एसओपी

मां चिंतपुर्णी के भक्तों के लिए आया बुलावा, 9 अगस्त से शुरू होगा सावन माह का मेला

सावन महीना जिस महीने का शिव भक्तों के साथ साथ मां चिंतपुर्णी के भक्तों को खास इंतज़ार होता है कारण कि इस महीने को भगवान भोले नाथ का प्रिय महीना माना जाता है लेकिन इसके साथ ही माता चिंतापुर्णी में अपनी आस्था रखने वाले मां भक्तों के लिए भी यह महीना खास होता है कारण कि इस महीने में ही माता के सावन अष्टमी के मेले भी होते है जिसके चलते मां के दरबार में सैंकड़ो भक्तों का आना जाना होता है। हालांकि कोरोना के चलते पिछले कुछ समय में प्रशासन ने इन मेले पर रोक लगा रखी थी, लेकिन इस बार सावन के मेले के लिए प्रशासन ने एसओपी ज़ारी कर दी है। इस बार 9 से 16 अगस्त तक माता के सावन मेले का आयोज़न होगा जिसके लिए आज़ एसओपी ज़ारी की गई है।

 

इस संबंध में मंदिर आयुक्त एवं उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि नवरात्र मेले के दौरान श्रद्धालुओं को चलते हुए ही दर्शन करने की अनुमति रहेगी। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को धर्मशाला में केवल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही ठहरने की अनुमति रहेगी। मेले के दौरान मंदिर केवल रात्रि 11 बजे से 12 बजे तक सिर्फ एक घंटा दर्शन के लिए बंद रहेगा। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को दर्शन पर्ची लेने के साथ-साथ कोविड-19 की स्क्रीनिंग भी करवानी होगी। इसके अतिरिक्त भजन, कीर्तन, सत्संग, भागवत व अन्य धार्मिक आयोजनों पर मंदिर परिसर में प्रतिबंध रहेगा। मंदिर परिसर में भीड़ ना हो इसके लिए मंदिर सहायक आयुक्त दर्शन पर्ची जारी करना रोक सकेगा। एडीबी सदन को श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा। डीसी ने कहा कि भीड़ के दृष्टिगत चिंतपूर्णी क्षेत्र में अस्थाई दुकानें नहीं खुल सकेगी तथा केवल सूखा प्रसाद ही चढ़ाया जा सकेगा। श्रद्धालुओं को मंदिर में बैठने, खड़े होने तथा इंतजार करने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि श्रदालुों को मंदिर परिसर में झंडा ले जाने की अनुमति नहीं होगी, केवल मंदिर अधिकारी द्वारा चिन्हित स्थान पर ही झंडा चढ़ाया जा सकता है।



श्रद्धालुओं के लिए एसओपी


जिलाधीश राघव शर्मा ने कहा कि चिकित्सीय परीक्षण के बाद केवल एसिम्टोमैटिक (बिना लक्षणों वाले) श्रद्धालु ही मंदिर परिसर में जा सकेंगे, जबकि कोविड जैसे लक्षणों वाले श्रद्धालुओं को अस्पताल में आइसोलेट किया जाएगा और उनकी कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही मंदिर के अंदर जाने की अनुमति होगी। श्रद्धालु दर्शन के लिए न्यू बस स्टैंड, चिंतपूर्णी सदन व शंभू बैरियर पर पंजीकरण और मेडिकल स्क्रीनिंग के लिए संपर्क कर सकते हैं। आंगतुकों को मंदिर परिसर में गेट एक व दो के माध्यम से निर्धारित सामाजिक दूरी अपनाते हुए भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि जूतों को गाड़ी में ही उतारना होगा और यदि जरूरत पड़ती है तो पुराना बस अड्डा के पास जूते रखने के स्थान को प्रयोग में लाया जा सकता है। श्रद्धालुओं को मां चिंतपूर्णी के दर्शानार्थ जाते समय पंक्ति में हर समय 6 फीट की सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी। आंगतुकों को मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पूर्व हाथ और पैर साबुन से धोने होंगे। इसके लिए जगदंबा ढाबा, मंगत राम की दुकान के समीप व पुराना बस अड्डा के पास व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं का मूर्तियों, धार्मिक किताबों, घंटियों इत्यादि को छूना वर्जित रहेगा। भीड़ का इक्ठ्ठा होना पूर्व की भांति वर्जित रहेगा। मंदिर में प्रसाद व पवित्र जल का वितरण भी नहीं होगा। दिशा-निर्देशों के मुताबिक 60 साल से अधिक आयु के व्यक्तियों, गंभीर बीमारियों से पीडि़त व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अपने घरों में रहने की सलाह दी जाती है।

उन्होंने कहा कि श्रद्धालु शंभू बैरियर की ओर से गेट नंबर 1 व 2 और मुख्य बाजार से आते हुए चिंतपूर्णी सदन से प्रवेश करेंगे। मंदिर अधिकारी चिंतपूर्णी सदन और शंभू बैरियर पर पंजीकरण व मेडिकल स्क्रीनिंग का व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। तीर्थ यात्री नए बस स्टैंड और चिंतपूर्णी सदन के समीप पार्किंग स्थानों का उपयोग कर सकते हैं।