मुख्यमंत्री ने शहीद अग्निवीर अजय कुमार के परिवार को वित्तीय सहायता के रूप में एक करोड़ रुपए का चैक सौंपा

स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखा, स्टेडियम/खेल मैदान और आम आदमी क्लीनिक का नाम भी शहीद के नाम पर रखा जाएगा

मुख्यमंत्री ने शहीद अग्निवीर अजय कुमार के परिवार को वित्तीय सहायता के रूप में एक करोड़ रुपए का चैक सौंपा

 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज शहीद अग्निवीर जवान अजय कुमार के परिवार को वित्तीय सहायता के रूप में एक करोड़ रुपए का चैक सौंपा, जिसने ड्यूटी के दौरान शहादत का जाम पिया।

शहीद के परिवार के साथ दुख साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि खन्ना के नज़दीक गाँव रामगढ़ सरदारां के अग्निवीर अजय कुमार लैंडमाईन के धमाके में शहीद हो गए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बहादुर जवान ने जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी निभाते हुए अपनी जान न्योछावर कर दी, जो देश के लिए ख़ासकर माँ-बाप के लिए अपूरणीय क्षति है। 

मुख्यमंत्री ने बताया कि देश के लिए शहीद जवान द्वारा बलिदान के सत्कार के तौर पर परिवार को वित्तीय सहायता दी जा रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि समूचा मुल्क शहीदों का ऋणी है, जिन्होंने देश-वासियों की रक्षा करते हुए जान कुर्बान कर दी। उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए यह बहादुर जवान के योगदान के सम्मान में राज्य सरकार का विनम्र सा प्रयास कर रही है। 

 

 

शहीदों के परिवारों की मदद के लिए राज्य सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों के परिवारों की भलाई के लिए राज्य सरकार वित्तीय सहायता देने का प्रयास कर रही है। दुखी परिवार के सदस्यों के साथ अफ़सोस प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने ईश्वर के समक्ष दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की। 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद का महान बलिदान उनके साथी सैनिकों और नौजवानों को अपनी ड्यूटी और अधिक निष्ठा और समर्पित भावना से निभाने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि गाँव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखने का नोटिफिकेशन पहले ही जारी किया जा चुका है, और राज्य सरकार द्वारा शहीद के नाम पर खेल मैदान/स्टेडियम भी बनाया जाएगा और गाँव में आम आदमी क्लीनिक भी बनाया जाएगा, जिनका नाम शहीद के नाम पर रखा जाएगा। भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। 

अग्निवीर योजना का सख़्त विरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहादुर सैनिकों के योगदान का निरादर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना देश के नौजवानों का शोषण है क्योंकि उनको छोटी उम्र में थोड़े समय की नौकरी करने के बाद बिना किसी वित्तीय सुरक्षा के वापस घर भेज दिया जाता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह ज़लालत भरी योजना है जिसको देश के हित में तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह यहाँ परिवार के साथ दुख साझा करने के लिए आए हैं क्योंकि वह यहाँ के जवान द्वारा दिए गए महान बलिदान का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ता पर काबिज़ लोगों को इन शहीदों के परिवारों के साथ कोई हमदर्दी नहीं है, जिस कारण वह इन शहीदों के परिवारों की भलाई की कभी भी चिंता नहीं करते। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह लोग संवेदनहीन हैं क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इन्होंने अपने पुर्वजों को नहीं गवाया बल्कि आज़ादी प्राप्त करने और अब इसकी रक्षा के लिए भी पंजाबी सबसे आगे हैं, जिस कारण हम अपने शहीदों की कद्र करते हैं।