आह देख लो जालंधर दे सेहत विभाग दा हाल तीन घंटे लभ्भा ही नही करोना पाजिटिव मरीज़

आह देख लो जालंधर दे सेहत विभाग दा हाल तीन घंटे लभ्भा ही नही करोना पाजिटिव मरीज़

बेशक की पंजाब में बढ़ते हुए कोरोना पाजिटिव मामलों को लेकर पंजाब सरकार बेहद गंभीर नज़र आ रही है, लेकिन सरकार के आगे सरकारी कर्मचारी इस मामले के प्रति कितने गंभीर इसकी ताज़ा मिसाल उस समय देखने को मिली जब आज़ जालंधर जिले के एक कोरोना पाजिटिव मरीज़ को रात आठ बजे तक सेहत विभाग के कर्मचारी ढूंड ही नहीं पाए।

 

गौर हो कि आज़ दोपहर जालंधर में करीब 45 कोरोना पाजिटिव मामले आए थे। जिनमें से फिल्लौर सब डिवज़न के आठ मामले कोरोना पाजिटिव के थे। जिसमें एक कोरोना पाजिटिव गोराया थाने के अधीन आते गांव रूड़का खुर्द का रहने वाला है।

 

गौर हो कि उक्त पाजिटिव मरीज़ का नाम लिस्ट में आने के बाद सेहत विभाग और सीआईडी विभाग पाजिटिव मरीज़ की रिर्पोट तैयार करने को लेकर हरकत में आ गया और उक्त युवक की तलाश करनी शुरू करने लगा। सेहत विभाग द्वारा जारी सूची में जो मोबाईल नंबर दिया गया था वो किसी लड़की का मोबाईल नंबर था जिस वज़ह से युवक का पता ही नही चल पाया जिसके बाद प्रशासन और हरकत में आ गया और युवक की तलाश करने लगा। आखिरकार विभाग के अधिकारी उसके घर तक पहुंचे तो युवक गोराया जिस जगह पर काम करता था वहां गया हुआ था।

 

जिसके बाद विभाग ने युवक को वहां से बुलाना संभव नही समझा ब्लकि उसका इंतज़ार करना संभव समझा और उस इंतज़ार में बज गए 8 जिसके चलते आज़ कल सेहत विभाग का कहना है कि आठ बजें के बाद मरीज़ को शिफ्ट नही किया जाता ।

 

इस सारे मामले के बारे में जब एसएमओ बड़ा पिंड मैडम ज्योति से संर्पक किया गया तो उनका कहना था कि युवक काम से आठ बजें आया और नई गाईडलाईन के अनुसार आठ बजें के बाद मरीज़ को शिफ्ट नही किया जाता इसलिए उसके घर के बाद पुलिस मुलाजिम डियूटी के लिए बिठा दिए है सुबह ही शिफ्ट कर दिया जाएगा।

 

लेकिन इन सब में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिरकार तीन घंटे क्यों नही ढूंड पाया सेहत विभाग युवक को क्या सेहत विभाग के पास पूरा रिेकार्ड नहीं था, और फिर पता चलने के बाद भी काम से आने का इंतज़ार क्यों किया गया।

 

इन सब सवालों के जवाब के लिए जब जालंधर के डीसी साहिब  से संर्पक करना चाहा तो उनके साथ कोई संर्पक नही हो पाया।