कहीं केंद्र सरकार का साथ देना और बचाव करना तो नही भारी पड़ा कैप्टन अमरिंदर सिंह को !

जलियांवाला बाग के नवीकरण मामले में कैप्टन ने दिया था केंद्र सरकार का साथ

कहीं केंद्र सरकार का साथ देना और बचाव करना तो नही भारी पड़ा कैप्टन अमरिंदर सिंह को !

शनिवार बाद दोपहर तक पंजाब के कैप्टन माने ज़ाने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को कहीं पंजाब के जलियांवाला बाग के नवीकरण मामले में केंद्र सरकार का साथ देना महंगा तो नहीं पड़ गया ।

 

गौर हो कि 28 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जलियांवाला बाग के नए स्वरूप का उद्घाटन किया तो इसके तत्काल बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर इसे शहीदों का अपमान बताया था और कहा था कि जलियांवाला बाग के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता। मैं एक शहीद का बेटा हूं। शहीदों का अपमान किसी कीमत पर सहन नहीं करूंगा।

 

 

लेकिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनके ट्वीट को खारिज करते हुए जलियांवाला बाग के नवीनीकरण को यह कहते हुए क्लीनचिट दी थी कि मेरे हिसाब से जलियांवाला बाग रेनोवेशन कार्यक्रम बहुत बढ़िया हुआ है। मुझे नहीं पता कि क्या हटा दिया गया है लेकिन मुझे यह बहुत अच्छा लग रहा है। क्यास लगाए ज़ा रहे है कि उस दिन से ही कैप्टन राहुल गांधी के निशाने पर आ गए थे और अंदर ही अंदर राहुल गांधी इस बात पर गुस्सा थे कि कैप्टन ने जानबूझ कर उनके टविट के विपरित टवीट किया है।

 

 

दरअसल, पार्टी लाइन से अलग जाकर बातें करना ही कैप्टन को भारी पड़ा और विरोधियों को आलाकमान को समझाने का मौका मिल गया। राहुल गांधी ने जलियांवाला बाग के जीर्णोद्धार पर सवाल वैसे ही खड़े नहीं किए थे। यह पार्टी की रणनीति थी। कारण कि जालियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट में पहले कांग्रेस अध्यक्ष स्थायी सदस्य हुआ करता था लेकिन केंद्र सरकार इसके खिलाफ  लोकसभा में बिल लेकर आई और दो अगस्त 2019 को यह बिल लोकसभा में पारित हो गया। इसके पीछे बिल पेश करने वाले संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल का कहना था कि सरकार जालियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल से जुड़ी राजनीति को खत्म करना चाहती है। इसलिए 1951 के एक्ट में संशोधन वाला विधेयक लाया गया है। जबकि बिल के विरोध में अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत औजला ने सदन में कहा था कि सरकार ट्रस्ट से कांग्रेस अध्यक्ष को हटाकर दोबारा इतिहास लिखना चाहती है।

 

यह सीधा-सीधा गांधी परिवार से जुड़ा मामला था और इसलिए जब कैप्टन ने राहुल गांधी की बात काटी तो यह उन्हें नागवार गुजरी। ऐसा पहली बार नहीं है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसी मुद्दे पर राहुल गांधी के स्टैंड के खिलाफ बयान दिया हो। इससे पहले जीएसटी को लेकर भी ऐसा हो चुका है। जीएसटी पर जहां पार्टी ने विपरीत स्टैंड लिया हुआ था, वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे राज्यों के लिए फायदेमंद बताया और कहा कि इससे पंजाब जैसे ज्यादा खपत वाले राज्यों को फायदा मिलेगा।