लुधियाना में नकली भाई बनकर ठगी के मामले फंसे युवक को जालंधर में भाज़पा ने करवाया शामिल

शहर में बना चर्चा का विषय कि कहीं ठगी के मामले से बचने के लिए तो नहीं लिया भाज़पा का सहारा

लुधियाना में नकली भाई बनकर ठगी के मामले फंसे युवक को जालंधर में भाज़पा ने करवाया शामिल

जालंधर : भारतीय जनता पार्टी यानि कि भाज़पा जोकि बेशक की साफ छवि के बड़े बड़े दावे कर रही हो लेकिन पंजाब में अपने पैर मजबूत बनाने के लिए पार्टी के ही कुछ दिग्गज़ नेता बिना सोचे समझे कुछ ऐसे लोगों को पार्टी में शामिल करवाने में लगे जिनके पार्टी में आने से पार्टी के अकस पर सवालिया चिन्ह लग रहे है।

 

कुछ ऐसा ही हुआ जालंधर देहाती भाज़पा में जहां पर देहाती प्रधान और जालंधर देहाती के भाज़पा नेतागण द्वारा बीते दिनी हलका फिल्लौर के पूर्व विधायक और अकाली दल के नेता बलदेव खैहरा के पूर्व पीए को और उनके कुछ साथियों को भाज़पा में शामिल करवा लिया।

 

लेकिन इस दौरान एक ऐसे युवक को भी भाज़पा में शामिल करवा लिया जोकि बीते दिनी लुधियाना में दर्ज हुए एक ठगी के आरोप में नामज़द है। उक्त युवक के भाज़पा में शामिल होने के बाद सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्टों के बाद शहर में यह चर्चा आम बनी हुई है कि युवक ने कहीं भाज़पा का सहारा मामले से बचने के लिए तो नहीं लिया, वहीं भाज़पा में शामिल होने के चलते लोगों में अंदर ही अंदर भाज़पा को लेकर भी कई तरह की बातें चल रही है।

 

क्या है ठगी का मामला

बीते दिनी लुधियाना में एक युवक द्वारा दरेसी पुलिस को शिकायत दी गई थी कि गोराया कि रहने वाली निधि नामक युवती ने एनआरआई बन कर उसके साथ शादी कर आस्ट्रेलिया ले ज़ाने की बात करी थी जिसमें उसका साथ गोराया के गांव बोपाराए के रहने वाले परमजीत और सतविंदर सिंह ने नकली भाई बनकर दिया था, युवक का आरोप था कि पैसे भी सतविंदर सिंह के खाते में जमा करवाए गए। यह मामला सामने आने के बाद ही गोराया के सोशल मीडिया ग्रुपों में उक्त लड़की की कुछ और रिश्ता होने की तस्वीरें भी वायरल हो गई थी जिसमें हर तस्वीर में अलग अलग युवक थे और उनमें भी साथ इन दोनों युवकों द्वारा दिया ज़ा रहा था।

 

बिना जमानत के आराम से घूम रहे है और पुलिस कह रही तलाश ज़ारी

इस मामले में लुधियाना पुलिस की मानें तो जमानत नही हुई है और आरोपी फरार बताएं जा रहे है।  ऐसे में लुधियाना पुलिस की कारगुज़ारी पर भी सवाल ऊठ रहे है कारण कि जब इस बारे में दरेसी थाना के प्रभारी से बात की गई तो उनका कहना है कि आरोपी फरार है, अगर पुलिस के लिए आरोपी फरार है तो भाज़पा को कहां से मिल गए।

 

इन सभी बातों को लेकर गोराया भाज़पा मंडल इस समय चर्चा में बना हुआ है कि आखिर अपनी साफ छवि का दावा करने वाली भाज़पा ऐसे लोगों को भाज़पा में शामिल क्यों करवा रही है जिनकी वज़ह से पार्टी का अकस खराब हो सकता है।