क्या पंजाब में हो गया है Coronavirus का ComeBack? रोज़ाना बढ़ रहे है पाज़िटिव आकंड़े

क्या पंजाब में हो गया है Coronavirus का ComeBack?  रोज़ाना बढ़ रहे है पाज़िटिव आकंड़े

कोरोना वायरस जिसने कि पिछले साल यानि कि 2020 में भारत में एंट्री ली थी , पिछले साल आज ही के दिन 11 मार्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित किया था और जिसके चलते सबसे पहले 21 मार्च 2020 को सबसे पहला कोरोना LockDown एक दिन के लिए भारत में लाया गया था जिसके बाद उसी दिन शाम को इस LockDown को 15 दिन के लिएब बढ़ा दिया था, वही 21 मार्च 2021 में आने को हो गई हालांकि कोरोना की शुरूआत के दौरान क्यास लगाए ज़ा रहे थे कि उकत कोरोना वायरस एक साल ही चलेगा और अगले साल तक खत्म हो जाएगा। लेकिन एक साल बाद कोरोना ने एक बार फिर से अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है जिसके देख लग रहा है कि यह क्या भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कमबैक हो रहा है ?

 महाराष्ट्र के नागपुर में लॉकडाउन की घोषणा हो गई है. नागपुर में 11 से 15 मार्च तक लॉकडाउन लगा दिया गया है. इसी के साथ उद्धव सरकार ने चेताया है कि अगर लोगों ने सावधानियां नहीं बरतीं तो महाराष्ट्र के कई जिलों में लॉकडाउन लगाने की नौबत आ जाएगी। इसी तरह पंजाब में भी एक बार फिर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

कोरोना के बढ़ रहे मामले कहीं हम सबके लिए अलार्म तो नहीं ? कारण कि जो कोरोना पाज़िटिव मामले घट रहे थे वो क्यों बढ़े हैं और हम कोरोना से लड़ाई जीतते जीतते हारने के कगार पर क्यों पहुंच रहे हैं? ये गलती किसकी है?

महाराष्ट्र से आए हैं सबसे ज्यादा मामले

देश के कुल मामलों में से आधे केवल एक राज्य महाराष्ट्र से हैं. महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में 13 हजार 659 मामले दर्ज किए गए हैं और 56 लोगों की मौत हो गई है. महाराष्ट्र के बाद दूसरे और तीसरे नंबर पर केरल और पंजाब हैं. पिछले 24 घंटे में केरल में 2316 नए मामले सामने आए तो पंजाब में 1027 नए केस दर्ज किए गए हैं जबिक पूरे देश में इस समय कोरोना के कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 1 लाख 89 हजार 226 है.

मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग भूल चुके लोग

पंजाब में कोरोना के बढ़ते हुए मामले बेशक चिंता का विषय बन रहे हो लेकिन अगर दुनिया की हकीकत को माने तो मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग लोग भूल चुके लोग अब कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते करते थक चुके हैं। इतना ही नहीं पंजाब की सड़कों और सरकारी दफ़्तरों को अगर देखा जाए तो इस प्रोटोकाँल को लागू करवाने वाले अधिकारी भी बड़ी संख्या में अग इस सोशल डिस्टेसिंग को भूल रहे है।