मां चिंतपुणी के भक्तों के लिए खुशखबरी, 10 सितंबर को खुलेगा दरबार, करना होगा इन शर्तो का पालन

मां चिंतपुणी के भक्तों के लिए खुशखबरी, 10 सितंबर को खुलेगा दरबार, करना होगा इन शर्तो का पालन

कोरोना जैसी घातक बीमारी के चलते पिछले लंबे समय से मां चिंतपुर्णी के भक्तों के लिए दरबार बंद किए गए थे तांकि पंजाब सहित अन्य राज्यों से ज्यादा लोग वहां ना आ सके और इस बीमारी के फैलने का खतरा ना बड़ सके।

 

लेकिन मां के भक्तों के लिए कुछ दिन पहने एक अच्छी खबर आई थी जो थी कि 10 सितंबर मां चिंतपुणी के दरबार को खोल दिया जाएगा। जिसके चलते वीरवार यानि कि 10 सितंबर से सुबह 9 बजह मां चिंतपूर्णी मंदिर खुल जाएगा। मंदिर को खोलने की तैयारी के बीच जिला प्रशासन ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। मंदिर खुलने के बाद कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए श्रद्धालुओं से लेकर दुकानदारों तक के लिए एसओपी जारी किए गए हैं। दिशा-निर्देशों के मुताबिक चिंतपूर्णी मंदिर में प्रतिदिन 500 श्रद्धालुओं को ही दर्शनों की अनुमति होगी।

सेहत जांच के बाद बिना किसी फलू के लक्ष्ण वाले भक्त ही मंदिर परिसर में जा सकेंगे, जबकि फ्लू जैसे लक्षणों वाले श्रद्धालुओं को अस्पताल में आइसोलेट किया जाएगा और उनकी कोविड- 19 टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही मंदिर के अंदर जाने की अनुमति होगी।

इसके साथ ही सभी श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करनी होगी। श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य संबंधी परीक्षण के लिए उन्हें नए बस अड्डा के समीप चिंतपूर्णी सदन अथवा प्राधिकृत क्षेत्र में पंजीकरण एवं चिकित्सीय परीक्षण हेतु संपर्क करना होगा। वहीं इसके साथ ही कोरोना को लेकर बनए गए नियमों  सामाजिक दूरी, मास्क का प्रयोग एवं हाथों को सेनिटाइज करना आवश्यक को मानना होगा।

मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं का मूर्तियों, धार्मिक किताबों, घंटियों इत्यादि को छूना वर्जित रहेगा। भीड़ का इकट्ठा होना पूर्व की भांति वर्जित रहेगा। ढोल नगाड़ों युक्त गायन दलों के आने पर भी मनाही रहेगी। मंदिर में प्रसाद व पवित्र जल का वितरण भी नहीं होगा। 

 

बाहरी राज्यों से जाने वालों को करवाना होगा कोविड टेस्ट

बाहरी राज्यों से आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु के लिए न्यूनतम दो रातों की वैध बुकिंग के साथ प्रदेश के बार्डर पर प्रवेश करने से 96 घंटे पूर्व प्राधिकृत लैब द्वारा जारी कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए। दिशा-निर्देशों के मुताबिक 60 साल से अधिक आयु के व्यक्तियों, गंभीर बीमारियों से पीडि़त व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अपने घरों में रहने की सलाह दी जाती है। 

 

पुजारियों के लिए एसओपी 

उपायुक्त ऊना तथा मंदिर आयुक्त संदीप कुमार ने कहा कि पुजारी श्रद्धालुओं को न तो प्रसाद वितरित करेंगे और न ही मौली बांधेंगे। उनके द्वारा किसी एक श्रद्धालु या श्रद्धालुओं के समूह के लिए पूजा अर्चना भी नहीं की जाएगी। कन्या पूजन और हवन आयोजन पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। पुजारियों को भी कोरोना संक्रमण के लिए निर्धारित हिदायतों की अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी। गर्भगृह में एक समय पर केवल दो पुजारियों को ही बैठने की अनुमति रहेगी। 

मुंडन संस्कार के लिए एसओपी

मुंडन संस्कार मंदिर परिसर में नहीं किया जाएगा, यह चिंतपूर्णी सदन में चिन्हित स्थल पर ही किया जाएगा। नाई प्रशासन द्वारा पूर्व में जारी हिदायतों के अनुरूप बाल काटेंगे और कटे हुए बाल तथाअन्य सामग्री कूड़ेदान में एकत्रित करके सफाई कर्मियों को सौंपनी होगी। 

दुकानदारों को करने होंगे यह काम

डीसी ने कहा कि दुकानदार व होटल मालिकों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके स्टाफ और आगंतुकों द्वारा फेस कवर का प्रयोग, हाथों को धोना सामाजिक दूरी जैसी हिदायतों की अनुपालना हो रही है। निर्धारित सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए फर्श पर निशान बनाने होंगे और कोई भी दुकानदार दुकान से बाहर विक्रय सामाग्री नहीं रखेगा। उल्लंघन करने वाले की दुकान तीन दिन के लिए बंद कर दी जाएगी।