प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 68वीं बार मन की बात की , कहा- घर में रहकर ही मनाएं उत्सव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 68वीं बार मन की बात की , कहा- घर में रहकर ही मनाएं उत्सव

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश की जनता के साथ  68वीं बार मन की है। आप भी जानें इस 68वीं बार में देश के प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी की लोगों से हुई पांच अहम बातें

 

  1. इस समय देश का सबसे अहम मुद्दा चल रहे कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने कोरोना के दौर में घर में रहते हुए उत्सव मनाए जाएं।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोग अपना और लोगों का ध्यान रखते हुए अपना काम कर रहे हैं। जिस तरह का संयम देखा जा रहा है, वह अभूतपूर्व है। गणेशोत्सव ऑनलाइन मनाया जा रहा है। इको फ्रेंडली गणेश की प्रतिमा स्थापित हुई हैं।

 

  1. कोरोना काल में देश कई मोर्चों पर एकसाथ लड़ रहा है। यह भी ख्याल आता है कि घर में रहने वाले बच्चों का समय कैसे बीतता होगा? मैंने कहीं पढ़ा कि खिलौने के संबंध में रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि खिलौना वही अच्छा होता है जो अधूरा हो। बच्चे उसे खेल-खेल में तैयार करें। ग्लोबल टॉय इंडस्ट्री 7 लाख करोड़ रुपए की है, लेकिन भारत की इसमें हिस्सेदारी काफी कम है।

 

  1. खिलौना वो हो जिसे बचपन खेले भी, खिलखिलाए भी। अब कंप्यूटर गेम्स का दौर है। इनमें ज्यादातर की थीम भारतीय होती है। आत्मनिर्भर भारत में टॉय इंडस्ट्री को बड़ी भूमिका निभानी है। असहयोग आंदोलन के समय गांधीजी ने कहा था कि यह भारतीयों में आत्मविश्वास जगाने का आंदोलन है। ऐसा ही आत्मनिर्भर भारत आंदोलन के साथ भी है।

 

  1. बच्चे अपनी पूरी क्षमता दिखा पाएं, इसमें पोषण की बड़ी भूमिका है। सितंबर को पोषण महीने के तौर पर मनाया जाएगा। पेट में पल रहे बच्चे के लिए जरूरी है कि मां को भी जरूरी पोषक तत्व मिलें। कितना खाना है, इसकी बजाय यह आवश्यक है कि सही मात्रा में विटामिन-प्रोटीन मिल रहे हैं या नहीं। राशन कार्ड की तरह न्यूट्रीशन कार्ड भी बनाए जाएं। इसके प्रयास किए जा रहे हैं।

 

  1. कई पर्व पर्यावरण के लिए मनाए जाते हैं। बिहार के थारू समुदाय ने प्रकृति को जीवन का हिस्सा बना लिया है। वे 60 दिन के त्योहार बरना को मनाते हैं। कोई कहीं भी आता-जाता नहीं है। इस दौरान कृषि से जुड़ा ओणम भी मनाया जा रहा है। हमारे पर्व किसानों के रंग से ही हरे-भरे बनते हैं। ऋग्वेद में कहा गया है- अन्नदाता को नमन है।