अकाली भाज़पा का टूटा गठज़ोड़ फगवाड़ा की सियासत में कर सकता है धमाका
अकाली भाज़पा गठबंधन जोकि पिछले दिनों में ही पूरी तरह से किसानों के मुद्दे को लेकर टूट चुका है और जिसका आलम यह हुआ है कि भाज़पा के वर्कर अब अकाली नेताओं और अकाली नेता भाज़पा नेताओं पर निशाना लगाने लग गए है और एक दूसरे की कमियों को बताने में लग गए है।
अकाली भाज़पा की इस टूटी यारी का जिला कपूरथला के अधीन आने वाले हलका फगवाड़ा पर खासा असर देखने को मिल रहा है कारण कि फगवाड़ा विधानसभा की जो सीट है वो किसी समय भाज़पा के कोटे से थी, और लंबे समय से भाज़पा कोटे में होने के कारण अकाली दल वहां से अपने स्तर पर कोई अपना चेहरा सामने नही ला सकी, हालांकि अकाली दल की नुमाइंदगी करने के लिए चेहरा तो है अकाली दल के पास लेकिन वो चेहरा चुनाव नही लड़ सकता कारण कि फगवाड़ा की सीट रिज़र्व कोटे से है।
लेकिन अब गठबंधन प्यार टूटने के बाद अकाली दल के लिए अपना चेहरा सामने लाना जरूरी होगा क्योकिं सुखबीर बादल की ओर से ऐलान भी किया जा चुका है कि 117 विधानसभा सीटों से अकाली दल अपने उम्मीदवार मैदान में ऊतारेगा।
ऐसे में फगवाड़ा की सियासत एक बार फिर से गर्मा गई है और राज़निति गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर अकाली दल कौन सा चेहरा सामने लाएगा। इस राज़निति गलियारे में ही चर्चा का विषय भी बन गया है कि एक कांग्रेसी नेता जोकि किसी समय अकाली दल में भी रह चुका है और चुनाव के दिनों में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुआ था दोबारा से अकाली दल का दामन थाम सकता है और फगवाड़ा से अकाली दल का चेहरा बन सकता है !
वहीं दूसरी ओर चर्चा यह भी चल रही है कि एक कांग्रेसी नेता और भी जो शायद मौके पर अकाली दल का दामन थाम सकता है कारण कि बीते समय में फगवाड़ा में हुए उपचुनाव के समय भी उस नेता जी का नाम चर्चा में आया था कि नेता जी टिकट के लिए भाज़पा हाईकमान के सामने भी हाज़री लगवा चुके है !
अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में अकाली दल अपने ही किसी पुराने चेहरे को विधायक के चेहरे के तौर पर फगवाड़ा में सामने लाते है या फिर कांग्रेस के अंदर ही अंदर बागी नेताओं को अपना सहारा बनाएंगे।