आम आदमी पार्टी के समागम में कांग्रेसी नेता का नाम बना हुआ चर्चा का विषय

कहीं कांग्रेसी पार्षद आप में ज़ाने की तैयारी में तो नहीं

आम आदमी पार्टी के समागम में कांग्रेसी नेता का नाम बना हुआ चर्चा का विषय

 

 

जालंधर / हनेश मेहता 

 

पंजाब में जिस दिन से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है उसी दिन से ही पंजाब के कई दिग़ग्ज़ नेता और अन्य पार्टियों के वर्कर आम आदमी पार्टी की झोली में ज़ा चुके है कारण कि यह सिलसिला कई वर्षों से ही चला आ रहा है कि कुछ नेता जिस पार्टी की सरकार होती है उसी के दामन में अपना राज़निति खेल खेलना पसंद करते है।  

 

ऐसा ही एक मामला पिछले तीन चार दिन से जालंधर के देहाती ईलाके गोराया में भी चर्चा का विषय बना हुआ है जिसको लेकर क्यास लग रहे है कि कहीं उक्त नेता ज़ी भी आप में ज़ाने की तैयारी में तो नहीं !

 

गौर हो कि करीब तीन चारj दिन  पहले हलका फिल्लौर के एक गांव में आम आदमी पार्टी द्वारा एक समागम रख अन्य पार्टियों के वर्करों को आम आदमी पार्टी में शामिल करवाया गया, लेकिन वहां अन्य पार्टियों के वर्करों को शामिल करवाते वक्त मंच से गोराया के एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और नगर कौसिंल के पार्षद का नाम भी उक्त शामिल होने वालों की सूची में बोला गया, हालांकि बाद में मंच संचालक को उक्त नाम घोषित करने के लिए रोक दिया गया।

 

 

लेकिन उस दिन के बाद से ही शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि कहीं उक्त पार्षद भी आम आदमी पार्टी की झोली में ज़ाने के लिए तैयार तो नहीं , हालांकि इस बारे में जब बात सोशल मीडिया के प्लेटफार्म WhatsApp पर वायरल होनी शुरू हुई तो उक्त पार्षद द्वारा ग्रु़पों में यह संदेश डाल दिया गया कि वो कांग्रेस छोड़ कर नहीं गए है हालांकि इसकी सही वज़ह नाम बोलने की पूछने के लिए जब पार्षद से फोन पर सर्पंक किया गया तो पार्षद ने फोन ऊठाना मुनासिब नहीं समझा।

 

पहले भी मच चुका है आम आदमी पार्टी में ज़ाने का शोर

 

मंच से नाम घोषित होने के बाद से ही उक्त पार्षद चर्चा का विषय बने हुए है कारण कि पहले भी एक दो बार शहर में यह चर्चा छिड़ चुकी है कि उक्त पार्षद जल्द ही आम आदमी पार्टी में ज़ा सकता है।

 

कही आम आदमी पार्टी को Lollypop तो नहीं दिया जा रहा !

 

जिस तरीके से पहले भी शहर में शोर मच चुका है कि उक्त पार्षद आम आदमी पार्टी में ज़ा रहा है और इस बार तो मंच से नाम भी घोषित कर दिया गया ऐसे में अब शहर में एक नई चर्चा आरंभी हो गई है कि कहीं उक्त पाषर्द द्वारा अपने वार्ड में काम करवाने के लिए आम आदमी पार्टी के नेताओं को LollyPop तो नहीं दिया जा रहा। तांकि पार्षद के वार्ड के काम होते रहें क्योंकि यह तो जग जाहिर ही है कि जिस पार्टी की सरकार होती है काम तो उनके ही लोगों के होते है।

 

कहीं लोकसभा उपचुनाव का तो नहीं हो रहा इंतज़ार !

 

दूसरी ओर शहर में यह भी चर्चा बनी हुई है कि कहीं उक्त नेता ज़ी आम आदमी पार्टी में ज़ाना चाह रहे हो लेकिन कहीं जालंधर में आने वाले दिनों में होने वाले उपचुनाव का इंतज़ार तो नहीं कर रहे कि इस उप चुनाव के परिणाम को देखते हुए अपने अगले फैसले का निर्णय उक्त पार्षद द्वारा लिया ज़ा सके।

 

फिलहाल इस बात का जवाब तो आने वाले समय में ही मिल पाएगा लेकिन शहर में उक्त पार्षद इन दिनों पूरी चर्चा का विषय बने हुए है।