फगवाड़ा में तीन से चार बार बेअदबी की वारदात, कहीं किसी बड़ी साजिश का तो नहीं प्लान !

पहले सिक्ख धर्म के धार्मिक ग्रंथों के साथ तो अब हिंदू धर्म के धार्मिक ग्रंथ के साथ

फगवाड़ा में तीन से चार बार बेअदबी की वारदात, कहीं किसी बड़ी साजिश का तो नहीं प्लान !

पंजाब का फगवाड़ा शहर जहां पर पिछले कुछ महीनों में करीब तीन से चार बार बेअदबी की वारदात को अंजाम दिया जा चुका है, हालांकि इन सभी मामलों में पुलिस ने मौके पर पहुंच कर किसी भी तरह का कोई माहौल खराब नहीं करने दिया लेकिन लगातार एक ही शहर में बार बार बेअदबी की घटना कहीं ना कहीं पुलिस प्रशासन के लिए सर्तक रहना और शहर वासियों के लिए चिंता का विषय जरूर है।  

 

चिंता का विषय मुख्य तौर पर इसलिए भी माना ज़ा रहा है क्योंकि इस शहर में किसी समय हिंदू सिक्ख और हिंदू मुस्लिम मामलों को लेकर दंगे भी हो चुके है और जिसमें पत्थरबाज़ी तक भी मामले पहुंच चुके है। जिसके चलते यह एक बेहद ही चिंता का विषय है कि इस शहर में ही बार बार बेअदबी की घटनाएं हो रही है।

 

कहीं फगवाड़ा के माध्यम से कोई बड़ी साजिश तो नहीं

 

हिंदू और सिक्ख समुदाए के लोगों में विवाद के चलते फगवाड़ा शहर किसी समय देश विदेश तक मशहूर माना ज़ाता है, ऐसे में इस शहर में बेअदबी की घटनाएं होना कहीं यह तो नहीं फगवाड़ा के माध्यम से इस आग को पूरी दुनिया तक ले ज़ाना ही मकसद ना हो, कारण कि पहले समय में फगवाड़ा में जब जब इस तरह के विवाद हुए है तो उनकी आग पूरे पंजाब में झुलसती हुई और उस आग के बाद ब्यानों की चिंगारियां पूरे पंजाब में ऊठती है।

 

तीन बार सिक्ख धर्म के ग्रंथों और एक बार हिंदू धर्म के ग्रंथ को बनाया गया निशाना

 

हिंद और सिक्खों के विवाद के कारण किसी समय चर्चा में रहे फगवाड़ा में सबसे पहले बेअदबी के लिए चुना गया श्री गुटका साहिब जोकि बंगा रोड के एक हिंदू मंदिर के पिछले हिस्से में करीब करीब बंद पड़ी पुराने सिविल हस्पताल की ईमारत के पास श्री गुटका साहिब के अंगों की बेअदबी हुई। जिस के कुछ माह बाद वरिंदर पार्क के पास कूड़े के ढेर पर सिक्ख धर्म के ग्रंथ के अंग मिले वहां पर भी एक पुरातन शिव मंदिर घटना वाले स्थान के बिल्कुल पास ही है। सिक्ख धर्म के ग्रंथों की बेअदबी के तीन मामलों में यह दो मामले ऐसे है जो हिंदू मंदिरों के नज़दीक ही किए गए, और बीते दिनी अब हिंद धर्म के ग्रंथ को लिफाफे में डाल कर सड़क पर फेंक दिया गया, हालांकि जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया उसने दिया तो बाज़ार में लेकिन अगर तकनीकि तौर पर देखा जाए तो इस वारदात को अंजाम शहर की सबसे पुरानी मस्जिद के पास दिया गया।

 

इन सभी मामलों को देख शहर में चर्चा बनी हुई है कि कहीं फगवाड़ा शहर के कंधे का प्रयोग कर कोई बड़ी साजिश तो नहीं रची ज़ा रही  या फिर फगवाड़ा में पिछले काफी समय से कोई आग नहीं सुलगी उसे सुलगा कर अब पंजाब स्तर पर लगाने का किसी शरारती गैंग द्वारा प्रयास किया जा रहा हो।

 

 

 

हमारी भी सभी पाठकों से अपील है कि सिर्फ फगवाड़ा ही नहीं पूरे भारत में अगर आपको धर्म या जातिवाद के नाम पर लड़ाने का प्रयास किया जाए तो आपसी भाईचारा बना कर रखें और प्रशासन का सहयोग कर शहर का माहौल खराब ना होने दें।