भगवान राम का नारा लगाने वाली भाज़पा भगवान राम के ही त्यौहार के खलल पर चुप्प

फगवाड़ा के ओंकार नगर में दशहरा महोत्सव को लेकर पड़ा था पंगा

भगवान राम का नारा लगाने वाली भाज़पा भगवान राम के ही त्यौहार के खलल पर चुप्प

फगवाड़ा : भगवान श्री राम का नारा लगाने और हमेशा ही भगवान राम का नाम लेने वाली भाज़पा पार्टी शायद पंजाब में भगवान राम को भूलती हुई दिखाई दे रही है। कारण कि बीते दिनी बुधवार को देश भर में दशहरा महोत्सव पूरी श्रद्धा व धूमधाम से मनाया गया था।

 

पंजाब की बात करें तो पंजाब के सभी शहरों के साथ साथ फगवाड़ा में भी कई स्थानों पर दशहरा महोत्सव पूरी श्रद्धा व धूमधाम से मनाया गया, लेकिन फगवाड़ा के एक मात्र ईलाके ओंकार नगर में इस दिन भी माहौल तनावपूर्ण बना रहा है उस तनावपूर्ण माहौल के आलम के चलते दशहरा महोत्सव बीत ज़ाने के तीन बाद भी रावण मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले आज़ भी ओंकार नगर की ग्राऊंड में वैसे के वैसे ही पढ़े है। माहौल तनावपूर्ण होने का कारण था ईलाके में सियासी दखलअंदाज़ी और सियासी गुटबाज़ी जिसके चलते ही प्रशासन ने एक कमेटी को दशहरा मनाने की आज्ञा नहीं दी थी हालांकि एक दिन पहले पुलिस ने दावा किया था कि दोनों पक्षों में समझौता करवा दिया है और दशहरा मना सकेंगे। लेकिन मौके पर प्रशासन द्वारा पुतले लगाने से रोक दिया गया।

 

जिसके बाद ईलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया और शहर के कई हिंदू संगठनों के साथ साथ राज़नितिक लोग भी वहां पर पहुंच गए। जिसके बाद माहौल काफी गर्मा गया और रावण मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन नहीं हो सका। जोकि सीधे तौर पर बेअदबी मानी ज़ा रही है कारण कि अब दशहरा महोत्सव बीत ज़ाने के बाद इनका दहन भी नहीं किया जा सकता।

 

लेकिन इस सारे मामले में एक बात शहर में चर्चा बनी हुई है कि तीन दिन बीत ज़ाने के बाद भी फगवाड़ा भाज़पा इस मामले में पूरी तरह से चुप्पी साधे हुई बैठी है हालांकि जब प्रबंधकों को दशहरा उत्सव मनाने की आज्ञा नहीं मिल रही थी तो एक दिग्गज़ भाज़पा नेता उस वक्त ब्यानबाज़ी कर रहे थे लेकिन जब अब मामला बेअदबी तक पहुंच गया तो उक्त नेता ज़ी के साथ साथ बाकी भाज़पा ने भी चुप्पी साध ली है जोकि पूरे फगवाड़ा में चर्चा का विषय बनी हुई है कि आखिर भगवान राम का नाम लेने वाली भाज़पा इस मामले में क्यों चुप है लोग तो दबी जुबान में यहां तक भी कहने में लगे हुए है कि कहीं भाज़पा नेताओं की उन आप नेताओं जिन पर राज़नितिक दबाव बनाने के आरोप लग रहे है उनके साथ कोई दोस्ती तो नहीं जो चुप्पी साधे बैठें है। क्योंकि फगवाड़ा में दो भाज़पा के दिग़्गज़ नेताओं के गुट पूरी तरह से एक्टिव है लेकिन उन दोनों गुटों में से कोई भी गुट इस मुद्दे पर बोलने से पीछे हट रहे है।