7 दिनां दे विच्च आपणे ही पुलिस मुलाजिम नू कुटट्ण वाले शराब ठेकेदार ते करिदंया नू नहीं फड़ पाई Goraya पुलिस

दीवाली के दिन पुलिस वाले की वर्दी पर डाला गया था हाथ, चंडीगढ़ खबरनामा की खबर के बाद हरकत में आई थी पुलिस

7 दिनां दे विच्च आपणे ही पुलिस मुलाजिम नू कुटट्ण वाले शराब ठेकेदार ते करिदंया नू नहीं फड़ पाई Goraya पुलिस

गोराया / हनेश मेहता : पंजाब पुलिस के लिए एक कहावत पिछले लंबे समय से बड़ी मशहूर मानी आ रही है कि पंजाब पुलिस चाहे तां किसे मंदिर दे बाहरों जुत्ती ना चक्क होवे, जिसका मतलब कि अगर पंजाब पुलिस सही तरीके से काम करे तो चोरी घटनाएं नहीं हो सकती।

 

लेकिन अकसर देखा जाता है कि पंजाब पुलिस इस कहावत के बिल्कुल विपरित कई मामलों में बेहद सुस्त दिखाई देती है और मामलें को हल करने में सालों लग ज़ाते है, और कई मामलें तो पुलिस इस कदर हल करती है कि मानों अपराधी पुलिस को बता कर ही गया हो कि वो वारदात करने के बाद इस जगह पर छुपने वाला हो। खैर आज़ हम बात करेंगे पंजाब पुलिस की सुस्ती की वो भी किसी आम आदमी के मामले में नहीं बल्कि अपने ही पुलिस मुलाजिम के साथ की  गई मारपीट और धक्कामुक्की के मामले की।

 

गौर हो कि दीवाली की रात को गोराया के बड़ा पिंड रोड पर स्थित दाना मंडी के सामने एक शराब ठेके पर शराब ठेकेदार और उसके करिदों द्वारा गोराया थाने में तैनात एक एएसआई और कांस्टेबल के साथ मारपीट की गई थी, जिस मामले को पहले तो दबाया गया लेकिन 27 अक्तूबर की रात को उस सारे कांड की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई जिसे चंडीगढ़ खबरनामा द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया, जिसके बाद दो दिन बाद हरकत में आई गोराया पुलिस ने 28 अक्तूबर को ठेकेदार और उसके करिंदों पर मामला दर्ज कर लिया लेकिन आज़ करीब 7 दिन बीत ज़ाने के बाद भी गोराया पुलिस शराब ठेकेदार और उसके करिदों को पकड़ने में असफल साबित हो रही है जबकि कई बार देखा जाता है पुलिस मामले में आरोपी को कुछ घंटो बाद ही गिरफ्तार कर लेती है।

 

 

कहीं पुलिस ठेकेदार को जमानत करनवाने का मौका तो नहीं दे रही, या दाल में कुछ और ही काला है !

 

सात दिन बीत ज़ाने के बाद भी शराब ठेकेदार की गिरफ्तारी ना होना शहर में चर्चा का विषय बना हु़आ है और लोग इस बात को लेकर हैरान भी है कि अपने ही पुलिस वाले के साथ हुई मारपीट के मामले में पुलिस ने आखिर अब तक क्यों गिरफ्तारी नहीं की। ऐसे कई सवाल लोगों के दिलों में ऊठ रहे है, वहीं सूत्रों की मानें तो गोराया पुलिस के कुछ अधिकारी तो इस मामले को दबाने में लगे हुए थे और यह भी चाह रहे थे कि यह खबर भी ना लगे, इतना ही नहीं सूत्रों की मानें तो पुलिस अधिकारी अपने ही मुलाजिम को गलत भी साबित करने में लगे हुए थे, जिस से लग रहा है कि दाल में कही ना कही काला जरूर है और पुलिस इस वज़ह से ही गिरफ्तारी भी नही कर रही  क्योंकि सूत्रों की मानें तो पुलिस चाह रही है कि ठेकेदार जमानत करवा ले और उस पर फिर रहम कर दिया जाए। कारण कि सूत्रों की मानें तो मामला भी कुछ इस कदर दर्ज किया गया कि ठेकेदार को आज़ नही तो कल राहत मिल ही जाए। कारण कि मामला दर्ज होने के करीब 4 घंटे पहले तक आरोपी ठेकेदार गोराया में ही मौजूद था और उसका फोन भी चल रहा था लेकिन सुबह होते ही ठेकेदार भी फरार और मोबाईल फोन भी बंद।

 

क्या कहते है गोराया थाने के प्रभारी

 

वहीं इस संबंधी जब गोराया थाना प्रभारी से बातचीत की गई तो उनका कहना है कि आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी भी की गई है लेकिन फिलहाल आरोपी फरार ही है जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा।